केंद्र सरकार ने हाल ही में नई पेंशन नियमावली लागू की है, जिसके तहत कर्मचारियों को 20 साल की सेवा पूरी करने के बाद वीआरएस लेने का विकल्प दिया गया है। हालांकि, इस स्थिति में कर्मचारियों को पूरी पेंशन नहीं मिलेगी, बल्कि सेवा अवधि के अनुपात में ही भुगतान किया जाएगा। यह नियम सरकारी कर्मचारियों के लिए अहम बदलाव साबित हो सकता है।
वीआरएस पर मिलेगा कम पेंशन लाभ
नए नियमों के अनुसार यदि कोई कर्मचारी 20 साल की सेवा पूरी करने के बाद वीआरएस लेता है, तो उसे पूरी पेंशन नहीं दी जाएगी। मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि पूर्ण पेंशन लाभ केवल 25 साल की सेवा के बाद ही मिलेगा। 20 साल की सेवा के बाद पेंशन की गणना अनुपात के आधार पर की जाएगी, यानी सेवा के वर्ष को 25 से विभाजित कर उतना ही भुगतान मिलेगा।
भुगतान कब से मिलेगा
कर्मचारी मंत्रालय ने बताया है कि पेंशन का यह भुगतान सेवानिवृत्ति की तारीख से ही शुरू हो जाएगा। इसके अलावा, कर्मचारी को 60 फीसदी व्यक्तिगत फंड निकालने की अनुमति होगी। साथ ही, हर छह माह की सेवा पर मूल वेतन और महंगाई भत्ते का 1/10वां हिस्सा भी एकमुश्त लाभ के रूप में दिया जाएगा।
अन्य रिटायरमेंट लाभ
सेवानिवृत्ति के समय कर्मचारियों को ग्रेच्युटी, लीव एनकैशमेंट और सीजीईजीआईएस (केंद्रीय सरकारी कर्मचारी समूह बीमा योजना) जैसे लाभ भी मिलेंगे। मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि वीआरएस लेने वाले कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है और आश्वस्त पेंशन शुरू नहीं हुई है, तो उसके जीवनसाथी को पेंशन का भुगतान किया जाएगा।
यूनिफाइड पेंशन स्कीम के नियम
नई अधिसूचना के अनुसार, यूनिफाइड पेंशन स्कीम के तहत कर्मचारियों को सेवा अवधि पूरी करने पर पेंशन का लाभ मिलेगा। 25 साल से कम सेवा पूरी करने वाले कर्मचारियों को पूरी पेंशन नहीं मिलेगी। इस नियम को 2 सितंबर 2025 को राजपत्र में अधिसूचित किया गया है।
कर्मचारी संगठनों की प्रतिक्रिया
अखिल भारतीय एनपीएस कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष मंजीत सिंह पटेल ने कहा कि यह कदम काफी महत्वपूर्ण है। खासकर उन कर्मचारियों के लिए जो कठिन परिस्थितियों में काम करते हैं, जैसे अर्धसैनिक बलों के कर्मचारी। उन्होंने इसे समय की जरूरत और कर्मचारियों के हित में उठाया गया कदम बताया।
क्यों होगा नुकसान
जो कर्मचारी 25 साल से पहले वीआरएस लेंगे, उन्हें पेंशन की पूरी राशि नहीं मिलेगी। इसका मतलब है कि वे अपनी सेवा के आधार पर ही पेंशन पाएंगे। यह स्थिति उन कर्मचारियों के लिए घाटे का सौदा हो सकती है जो जल्दी रिटायर होना चाहते हैं।
भविष्य सुरक्षित करने की जरूरत
विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे कर्मचारियों को पेंशन की कमी पूरी करने के लिए अन्य निवेश विकल्पों जैसे एसआईपी और बचत योजनाओं पर ध्यान देना चाहिए। छोटी बचत भी लंबे समय में बड़ा सहारा बन सकती है और रिटायरमेंट के बाद स्थिर आय का साधन प्रदान कर सकती है।