अभी हाल ही में पेट्रोल और डीजल के दाम में आई गिरावट ने आम जनता को राहत भी पहुंचाया है। नवीनतम अपडेट के अनुसार दिल्ली में पेट्रोल ₹94.77 प्रति लीटर और डीजल ₹87.67 प्रति लीटर बिक रहा है। देश के अधिकांश शहरों में कीमतें घट गई हैं, लेकिन राज्य और शहर के आधार पर वैट और टैक्स अलग-अलग होने की वजह से रेट्स में भिन्नता देख रहे हैं।
कच्चे तेल के दामों का प्रभाव
वैश्विक बाजार में कच्चे तेल के दामों में गिरावट का सीधा प्रभाव भारत में पेट्रोल और डीजल के दामों पर पड़ा है। सितंबर 2025 में कच्चे तेल के दाम करीब $74 प्रति बैरल रहे, जबकि मार्च में यह $83 से $84 प्रति बैरल था। इसी कारण तेल कंपनियों ने 2 से 3 रुपये प्रति लीटर तक की कमी की है।
बड़े शहरों के दर
दिल्ली में पेट्रोल ₹94.77 और डीजल ₹87.67 प्रति लीटर है। मुंबई में पेट्रोल ₹104.21 और डीजल ₹89.97 पर बिक रहा है। पटना में पेट्रोल ₹105.58 और डीजल ₹91.82 का त्योहार है। वही चेन्नई में पेट्रोल ₹101.18 प्रति लीटर दर्ज किया गया है। कीमतों में बदलाव हर राज्य में वैट अलग-अलग होने की वजह से होता है।
कीमतों में बदलाव का कारण
सरकार और तेल कंपनियां अंतरराष्ट्रीय बाजार की स्थिति, डॉलर-रुपया एक्सचेंज रेट और स्थानीय टैक्स को ध्यान में रखते हुए रोजाना पेट्रोल और डीजल के रेट निर्धारित करती हैं। मार्च 2024 में भी कीमतों में ₹2 प्रति लीटर की कटौती की गई थी। एक बार फिर कच्चे तेल की कटौती के कारण दरों को कम किया गया है।
सामान्य जनता को राहत
पेट्रोल और डीजल की कम कीमतों के सीधे लाभ ट्रांसपोर्टेशन से संबंधित इंडस्ट्री और सामान्य मानव जाति को होता है। किसानों और ट्रक मालिकों के साथ-साथ मध्यम वर्ग के खजाने पर इसका प्रभाव सकारात्मक होता है। रोजमर्रा की जरूरत की वस्तुओं की कीमतों को स्थिर रखने में भी यह कमी मददगार हो जाती है।
त्योहार और चुनावी असर
त्योहारों और चुनाव के माहौल में कीमतों में घाटा को आम लोगों के लिए बड़ी सहायता के रूप में नज़रながら जा रहा है। ट्रांसपोर्ट की लागत कम होने से बाजार में सामान के दाम भी नियंत्रित रहने के अवसर हैं।
आगामी संभावनाएं
अगर अगले महीनों में कच्चे तेल की कीमतें स्थिर रहती हैं, तो पेट्रोल और डीजल के रेट्स में और कमी देखने को मिल सकती है। लेकिन अगर अंतरराष्ट्रीय बाजार फिर से बजने लगता है तो कंपनियां रेट्स को बढ़ा भी सकती हैं।
कुल मिलाकर स्थिति
पेट्रोल और डीजल की मौजूदा कीमतें आम जनता को थोड़ी राहत देने वाली साबित हुई हैं। बड़े शहरों के साथ-साथ छोटे शहरों में भी रेट्स कम हुए हैं। इससे ट्रांसपोर्ट से लेकर किसानों और मिडल क्लास तक सभी वर्गों को फायदा हो रहा है।